सामाजिक विज्ञान (Samajik vigyan) : पर्यावरण अध्ययन (paryavaran adhyayan) : कक्षा 5 (kaksha 5) / संयोजक एवं लेखक (writer and organizer) मोतीलाल नंदवाना (Motilal Nandwana) et al. ; प्रकाशक (published by) राजस्थान राज्य पाठयपुस्तक मंडल (Rajasthan State Textbook Board).

By: Contributor(s): Material type: TextTextLanguage: Hindi Publication details: Jaipur : Rajasthan State Textbook Board, 2012.Description: 132 p. : ill., maps ; 24 cmSubject(s): DDC classification:
  • 23 301
Contents:
पाठ सूचि - 1.आओ स्वस्थ समाज बनाएँ -- 2.मानव विकास की कहानी : रोबोट की जुबानी -- 3.उपभोक्ता की जागरूकता -- 4.सहकारिता हमारी शक्ति -- 5.हमारे सहयोगी कृषि, सिंचाई एवं वन विभाग -- 6. आओ मानचित्र बनाएँ -- 7.ऐसे मिले ऋण - रोजगार -- 8.लोकतंत्र में हमारी भूमिका -- 9. हमारी सुरक्षा और न्याय व्यवस्था 10.भारत के प्राकृतिक भाग और जलवायु -- 11.जाने हम महाद्वीप और महासागर -- 12. कैसे करें जल एवं विद्युत का उपयोग -- 13. भारतीय त्योहार और मेले -- 14. भूमि रूपान्तरण एवं नामान्तरण -- 15. स्वतंत्रता का एक प्रयास 1857 -- 16. यूँ मिली आजादी -- 17. राजस्थान में उद्योगों का विकास -- 18. भारत की प्रमुख फसलें -- 19. ये है हमारे मार्गदर्शक -- 20. रंग-रंगीली, भारतीय संस्कृति -- 21. वैश्वीकरण के आधार यातायात एवं संचार -- 22. भारत के पर्यटन स्थल -- 23. हमारी प्रेरक विभूतियाँ।
Summary: प्राथमिक कक्षाओं में सामाजिक विज्ञान विषय, शिक्षार्थियों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवेश से परिचित कराता है। यह विषय, शिक्षार्थियों में अन्तःक्रिया द्वारा तथ्यों को अवधारित करने की क्षमता विकसित करता है। इससे वे भावी जीवन में, सीखी हुई सामाजिक कुशलताओं को अधिक सार्थक बनाने के लिए प्रयत्नशील बने रहेंगे। इसी सोच के कारण प्रत्येक पाठ्य प्रकरण के अन्त में क्रियात्मक कार्य करने के संकेत दिए गए हैं। उनको बहुत ही गंभीरता और सकारात्मक सोच से पूरा करवाना आपका दायित्व है। उपर्युक्त उपागम के आधार पर पाठ्यपुस्तकों के पाठ्य प्रकरण लिखे गये हैं। इनमें तथ्यात्मक पक्ष के साथ-साथ, समझ विकसित करने की संस्थितियों को भी सम्मिलित किया है। । इन संस्थितियों को समझ कर पारस्परिक तुलना करके वो निष्कर्ष निकाल सकेंगे। भावी जीवन में उनसे वह कुछ सीख कर समाज में सृजनात्मक कार्य कर सकेंगे। आप अपने शिक्षार्थियों को इस सम्बन्ध में अधिकाधिक अवसर दें ताकि वे स्वयं कुछ करके सीख सकें।
Item type:
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Shelving location Call number Status Date due Barcode Item holds
School Text Books School Text Books Gulbanoo Premji Library, Azim Premji University, Bengaluru 4th Floor 301 NAN (Browse shelf(Opens below)) Available ST3634
Total holds: 0

पाठ सूचि -
1.आओ स्वस्थ समाज बनाएँ --
2.मानव विकास की कहानी : रोबोट की जुबानी --
3.उपभोक्ता की जागरूकता --
4.सहकारिता हमारी शक्ति --
5.हमारे सहयोगी कृषि, सिंचाई एवं वन विभाग --
6. आओ मानचित्र बनाएँ --
7.ऐसे मिले ऋण - रोजगार --
8.लोकतंत्र में हमारी भूमिका --
9. हमारी सुरक्षा और न्याय व्यवस्था
10.भारत के प्राकृतिक भाग और जलवायु --
11.जाने हम महाद्वीप और महासागर --
12. कैसे करें जल एवं विद्युत का उपयोग --
13. भारतीय त्योहार और मेले --
14. भूमि रूपान्तरण एवं नामान्तरण --
15. स्वतंत्रता का एक प्रयास 1857 --
16. यूँ मिली आजादी --
17. राजस्थान में उद्योगों का विकास --
18. भारत की प्रमुख फसलें --
19. ये है हमारे मार्गदर्शक --
20. रंग-रंगीली, भारतीय संस्कृति --
21. वैश्वीकरण के आधार यातायात एवं संचार --
22. भारत के पर्यटन स्थल --
23. हमारी प्रेरक विभूतियाँ।

प्राथमिक कक्षाओं में सामाजिक विज्ञान विषय, शिक्षार्थियों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवेश से परिचित कराता है। यह विषय, शिक्षार्थियों में अन्तःक्रिया द्वारा तथ्यों को अवधारित करने की क्षमता विकसित करता है। इससे वे भावी जीवन में, सीखी हुई सामाजिक कुशलताओं को अधिक सार्थक बनाने के लिए प्रयत्नशील बने रहेंगे। इसी सोच के कारण प्रत्येक पाठ्य प्रकरण के अन्त में क्रियात्मक कार्य करने के संकेत दिए गए हैं। उनको बहुत ही गंभीरता और सकारात्मक सोच से पूरा करवाना आपका दायित्व है।

उपर्युक्त उपागम के आधार पर पाठ्यपुस्तकों के पाठ्य प्रकरण लिखे गये हैं। इनमें तथ्यात्मक पक्ष के साथ-साथ, समझ विकसित करने की संस्थितियों को भी सम्मिलित किया है। । इन संस्थितियों को समझ कर पारस्परिक तुलना करके वो निष्कर्ष निकाल सकेंगे। भावी जीवन में उनसे वह कुछ सीख कर समाज में सृजनात्मक कार्य कर सकेंगे। आप अपने शिक्षार्थियों को इस सम्बन्ध में अधिकाधिक अवसर दें ताकि वे स्वयं कुछ करके सीख सकें।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Total Visits to Site (September 2024 onwards):best free website hit counter